मेरी भावनाओं में भक्ति जगाना,
भव मैं भटकते भक्त-2,
ये भगवन भलाना भलाना।
एक दन्त दयावंत,
चार भुजाधारी,
मूषक सवारी वारी,
आयी तुम्हारी,
करें त्यारी पूजा कोई-2,
दूजी कलाना कलाना,
मेरी भावनाओं में भक्ति जगाना।
गणपति गणेश तुम तो,
गणों के गणेश हो,
दाता दया के स्वामी,
तुम्हीं देवेश हो,
बनकर के नाथ नाविक-2,
नौका चलाना चलाना,
मेरी भावनाओं में भक्ति जगाना।
गणपति गणेश त्यारे,
अनेकों ही नाम हैं,
तुम्हीं में किशन है,
तुम्हीं में राम है,
गोपाल मण्डल में आके,
ज्योति जलाना जलाना,
मेरी भावनाओं में भक्ति जगाना।
गायक – अजय बृजवासी
लेखक:- परषोत्तम फौजी
तोछीगढ़ (अलीगढ)