सुत चीरने को आरा लेके चले

सुत चीरने को,
आरा लेके चले,
माता की ममता देखो,
छाती हले न,
आंसू नयन से छले

नौ मास नारी काया,
पेट में झुलाती,
लाखों दुख सहे लेकिन,
हंस मुस्काती,
दीपक ये मानो जैसे,
ज्योति जले,
माता की ममता देखो,
छाती हले न,
आंसू नयन से छले

धर्म की तराजू में,
सत ही तुला है,
सुत से बड़ा सत,
यही फैसला है,
जग के विधाता पर,
सत ना हले,
माता की ममता देखो,
छाती हले न,
आंसू नयन से छले

दिया दान बेटे का,
दिल ना दुखाया,
चीर के जिगर का टुकड़ा,
शेर को खिलाया,
सत की हमेशा,
नैया फूले फले,
माता की ममता देखो,
छाती हले न,
आंसू नयन से छले

धन्य धन्य ऐसे राजा,
जन्म लें दुबारा,
पतिव्रता नारी होती,
पति का सहारा,
शर्मा भी सत की,
धूल तन पर मले,
माता की ममता देखो,
छाती हले न,
आंसू नयन से छले

गायक – अजय बृजवासी

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